कब्ज जिसे अंग्रेजी में कोन्स्टीपैशन(constipation) कहते है । यह पेट अर्थात पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जिसमे मनुष्य को मल निकलने में असुविधा होती है । इसका मुख्य कारण उनका खान–पान , लम्बे समय से दवाई का इस्तेमाल आदि कारण होते है।

मल का अच्छे से त्याग नही होने से मल पेट में ही रह जाता है जिससे गेस्टिक की शिकायत ,पेट में दर्द की शिकायत या पेट का भारीपन लगना , सिर में दर्द आदि ऐसे लक्षण कब्ज की बीमारी में देखे जाते है।

कब्ज क्या है ?

कब्ज एक पेट से जुड़ी समस्या या यह कह सकते है कि यह पाचन से जुड़ी समस्या है। जिसमें इंसान को मल त्यागने में बहुत कठिनाई होती है। कब्ज की समस्या में इंसान का मल सुखा और बहुत कड़ा हो जाता है जिसे त्यागने में बहुत समय और बहुत दर्द का सामना करना पड़ता है। हमारे गलत खान पान के वजह से पाचन तंत्र को खराब करते है जिससे कब्ज जैसी समस्या उत्पन होती है ।

एक स्वस्थ इंसान को 24 घंटो में दो बार(सुबह और शाम ) को मल त्याग करना चाहिए ऐसे करने से शरीर में कब्ज की समस्या नहीं होगी साथ अन्य पेट या पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या भी नही होगी।

कब्ज का कारण क्या है?

कब्ज होने के अनेक कारण हो सकते है कुछ कारण जो निम्नलिखित है–

  • आहार में फाइबर की कमी – हमारे आहार में अगर फाइबर की कमी होती है तो पाचन तंत्र सही रूप से कम नहीं करती है इसलिए दैनिक भोजन में फाइबर वाली पदार्थों का सेवन करनी चाहिए।
  • शरीर में पानी की कमी – पानी की कमी होने के कारण मल सुखा और कठोर हो जाता है जिससे मल का त्याग करने में असुविधा हो सकती है और यह कब्ज का कारण बन सकता है।
  • दवाई – कुछ ऐसे दवाई होते है जिनका लगातार उपयोग करने भी कब्ज की समस्या बन सकती है जैसे दर्द निवारक की गोलियां आदि।
  • खराब जीवनशैली – खान पान समय पर नहीं करने की शिकायत,नींद पूरा न करने की शिकायत, शराब एवम अन्य नशीली चीजों का अधिक मात्रा में सेवन आदि कब्ज का कारण बन सकते है।
  • गर्भावस्था – गर्भावस्था के समय हार्मोन का परिवर्तन होने के कारण भी कब्ज की शिकायत हो सकती है।

कब्ज के घरेलू उपाय क्या है?

कब्ज के घरेलू उपायों में कुछ निम्नलिखित उपाय निम्न प्रकार है –

फाइबर युक्त भोजन अधिक सेवन करना

फाइबर युक्त भोजन का सही सेवन करने से कब्ज की समस्या से राहत प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि फाइबर युक्त भोजन में खनिज तत्वों की उपस्थिति अच्छी होती है जिससे पाचन तंत्र की क्रिया को करने में मदद मिलती है।

फाइबर युक्त भोजन हमे निम्नलिखित जगहों से प्राप्त होती है –

हरी सब्जियों – हरी सब्जियां जैसे लाल साग , सरसों साग , फूलगोभी, बरबट्टी , खीरा आदि ।

सबूत अनाजों – अनाज ,चना (अंकुरित चना) आदि।

फलों से – तरबूज, ककड़ी, सेव,पपीता,सलजम,नाशपाती आदि।

हमारे भोजन में मांस ,मछली ,मसाले दर सब्जियां आदि का अधिक मात्रा में कम करना चाहिए क्योंकि खाद्य पदार्थ जिसमे फाइबर की मात्रा कम होती है उन सभी खाने में कम उपयोग करना चाहिए जिससे कब्ज की समस्या न हो।

पानी का सेवन – पानी की मात्रा का उचित सेवन से भी कब्ज की समस्या से राहत पा सकते है । लगभग दिनभर मतलब 24 घंटो में 4–5 लीटर पानी पी लेते है तो कब्ज जैसी समस्या से बच सकते है।

नियमित रूप से शौचालय जाए – दिनभर में कोशिश करें कि दो बार शौच जाए सुबह और शाम । भले ही आपको शौच की इच्छा ना हो । इस तरह की अच्छे आदतों से कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है।

व्यायाम करें – प्रतिदिन व्यायाम करने से शरीर में पाचन की जो क्रिया होती है वह अच्छे से काम करेगी साथ ही शरीर फुर्तीली रहेगी । शरीर स्वस्थ रहेगा और कब्ज जैसे समस्या से दूर रहेंगे।

कब्ज के लक्षण क्या है?

कब्ज की शिकायत में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते है –

  • मल त्याग करने में असुविधा
  • मल का कठोर और सुखा होना
  • मल त्याग के लिए अधिक जोर लगाना
  • मल त्याग के बाद मल अंदर रह गया जैसा महसूस होना
  • पेट में दर्द रहना
  • पेट भरी सा लगना
  • पेट में गैस बनना
  • भूख कम लगना
  • जी मचलाना

कुछ ऐसे पुराने कब्ज के लक्षण होते हैं –

  • एक सप्ताह में 3–4 बार ही मल का त्याग करना
  • मल में कठोरता और सूखापन के साथ खून आना
  • मल का गोटी गोटी रूप में आना

लंबे अंतराल से मल की त्याग में अगर परेशानी हो तो जल्द ही डॉक्टर को दिखा कर इलाज शुरू कर देनी चाहिए ।

कब्ज कितने प्रकार होते है?

मुख्यता कब्ज दो प्रकार के होते है –

  • पुरानी कब्ज
  • गंभीर कब्ज

पुरानी कब्ज – पुरानी कब्ज में मल को निकालने में बहुत कठिनाई होती है ।माल में कठोरपन और सूखापन रहता है।पुरानी कब्ज में मल करने के बाद भी मल की संतुष्टि नहीं होती है इसमें ऐसा लगता है कि मल अंदर रह गया है और दुबारा मल करने की इच्छा होती है।

गंभीर कब्ज – यह कब्ज बहुत ही खतरनाक होती है इसमें मल का निकलना तो बहुत ही मुश्किल हो जाता है साथ इसमें गैस का निकलना भी मुश्किल हो जाता है मल इसकी इतनी कठोर और इतनी सख्त हो जाती है कि मरीज जितनी प्रेशर से मल करने की कोशिश करे फिर भी नही निकलती है पीड़ित मरीज को बहुत जोर से पेट के दर्द ,उल्टी लगना आदि जैसे लक्षण दिखाई देते है।

अगर गंभीर कब जी जैसे समस्या हो या पुरानी कब्ज की समस्या हो तो जल्द ही अपने डॉक्टर की सलाह लेकर अपनी चिकित्सा शुरू कर लेने चाहिए।

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